रफ़्ता रफ़्ता ….

रफ़्ता रफ़्ता आसमान ज़मीन पर झुकेगा |

रोशन होगा शमशान भी रफ़्ता रफ़्ता ||

 

शर्माना सीखेगा चाँद भी किसी दिन |

चांदनी मेरे घर भी बरसेगी रफ़्ता रफ़्ता ||

 

सीने की कसक ने यहाँ सोने नही दिया|

सुकून भी उतरेगा फलक से रफ़्ता रफ़्ता ||

 

पतझड़ का मौसम है अरसों से मेरे बगीचे  में |

बहार बेशुमार आएगी गुलशन में रफ़्ता रफ़्ता ||

 

हवा ने अभी ज़रा सा ही तो रुख बदला है |

पूरी की पूरी हवा भी बदलेगी रफ़्ता रफ़्ता ||

 

©Avdhesh

 

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